अब सुबह नहीं होती। रात ढलती है, उजाला ओस की बूंदों के साथ कमरे में दस्तक देता है। एक पीला, गर्म चाँद उस बड़ी बिल्डिंग के पीछे से उगता है। उगता है, चढ़ता है, ढल जाता है। फिर शाम को सफ़ेद वाला चाँद आता है, उसके साथ रात आती है, ढल जाती है।पर अब सुबह... Continue Reading →
ताला
कुछ तो रहा होगा दरवाज़े के उस पार जिसे बंद करने के लिए ताला लगाना पड़ा। कोई खजाना, कुछ कीमती, कुछ अनमोल या फिर कोई डर, ख़ामोशी या कोई चीख जिसे दबाना ज़रूरी रहा हो। ताला लगने के कई कारण हो सकते हैं।कभी ताला लगे हुए दरवाज़े के पास से गुज़रना, एक अजीब सी ख्वाहिश... Continue Reading →
पड़ाव
आप ट्रेन का इंतज़ार कर रहे हैं। उसके आने में थोड़ा वक़्त बाकी है, तो आप स्टेशन पे डेरा जमाये बैठे हैं। आज का यही पड़ाव है। घर छूट चुका है, दोस्त अलविदा कह चुके हैं, कल जिस स्टेशन पे ट्रेन उतारेगी, वह अनिश्चित है। उसका अंदाजा आपके मन में हैं, पर आपके पैर तो... Continue Reading →
ख्वाब
एक बार एक ख्वाब था। लम्बा कद, काली आँखें और साँवले चेहरे पर ऐसी चमक जो सितारों को शर्मिंदा कर दे।ख्वाब को स्कूल की एक सीनियर से मोहब्बत थी। उस लड़की का नाम हकीकत था। जब ख्वाब हकीकत से मिलता, तो वो चहक उठती, उसके होठों से मुस्कराहट जाने का नाम न लेती और उसका... Continue Reading →
How to reduce your mental stress and stay away from fake media
By now, we are all aware that this loud and TRP hungry Media is causing mental stress and is utterly biased, toxic, and ultimately; harmful for our mental peace. I’ve conversed with a lot of friends, and people who have been suffering from restlessness and helplessness after being subjected to this kind of news. Watching... Continue Reading →
कागज़
मुझे कागज़ बर्बाद करना पसंद नहीं। ज़रा भी नहीं मतलब ज़रा भी नहीं।बाज़ार से सामान लाने की पर्ची तक मैं मोबाइल फ़ोन पर बनाता हूँ। अधिकतर किस्से-कहानियाँ जो लिखता हूँ, उन्हें पहले फ़ोन या लैपटॉप पे लिख लेता हूँ, फिर किसी रोज़ कागज़ पर उतार देता हूँ। जब कोई ख्याल पूरी तरह मन में आ... Continue Reading →
Dear YouTube: A Letter To YouTube On The Occasion Of Teacher’s Day
Dear YouTube, I hope you are having healthy content, wearing an anti-hacking mask, and protecting your creators amidst this pandemic. Today is Teacher’s Day in India and I’m sure if the pandemic hadn’t closed the schools, some kid must have been YouTubing “teacher day dance/song/speech” and celebration ideas right now in some corner of my... Continue Reading →
दिनों के रंग होते हैं।
दिनों के रंग होते हैं।कोई दिन हरा होता है, कोई गुलाबी, कोई नीला, कोई सुनहरा, और कोई दिन, काला।वो जो काला रंग होता है न, जिसमे कोई भी रंग डालो वो काला ही रहता है, सब रंगों को सोख लेने वाला काला रंग। कुछ दिन वैसे होते हैं।धूप आती है, खो जाती है। दिन के... Continue Reading →
2 बजे वाली चाय
रात 2 बजे-A: भाई अब बिना चाय के नहीं पढ़ा जाएगाB: तो?A: भाई, बना दे!B: भक @#$%, हमें पढना है!C: हाँ बे, बना दो!B: तू पढ़ @#$%^ और हीटर ख़राब है, दूध नहीं हैA: #@#$, बोला था शाम को दूध लाने को,(२ मिनट का सन्नाटा)A: बाहर चचा को कॉफ़ी के लोए बोल दें?B: भाई वो... Continue Reading →
अंजाम
अंजाम तो जानते होगे?पहले भी तो पहुंचे हो उस अंजाम तकएक से ज़्यादा दफ़ा देख चुके होइन आदतों का नतीजाफिर क्यों झोंक रहे हो खुद को इस आग में?जलने से डर नहीं लगता, या आदत हो गयी है?कितने “हमेशा” बदल चुके हो ज़िन्दगी में?परसों वाला “हमेशा” जो कल नामुमकिन लगातब नहीं लगा था?कल वाला “हमेशा”... Continue Reading →